Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Wednesday, October 23, 2019
हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है
क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है
हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है
~जिगर मुरादाबादी #Ishq #Husn #Shayari
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