आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
मैं ख़ुद भी एहतियातन, उस गली से कम गुजरता हूँ, कोई मासूम क्यों मेरे लिए, बदनाम हो जाए! #बशीरबद्र
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