आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
सदियों का रतजगा मेरी रातों में आ गया.... मैं एक हसीन शख्स की बातों में आ गया।
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