आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
इक रोज़, कभी ऐसी सौगात भी हो, तुम हो.. तन्हाई हो.. बरसात भी हो!
Happy Monsoon 💕
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