आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
आज सपने सजा के देखेंगे, फिर से ये दिल जला के देखेंगे!
तुम हमें भूल के देखो, हम तुम्हें याद आ के देखेंगे!
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