आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
लुभाएगा उसे क्या चाँद का ख़ुनुक जादू जिसे नसीब कड़ी धूप की तपिश ही नहीं!
Khunuk= happy, fortunate
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