आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा,
जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Sunday, May 19, 2019
सदा खुश रहना
जमाने भर की रहमत माँग ली मैंने दुआओं में,
दिलों में आरजू है कि एक तू महके फिजाओं में!
तेरी कश्ती की धारा मोड़ के उस ओर कर दी है,
जहाँ जाए खुश रहना खुशी झोली में भर दी है!!
No comments:
Post a Comment