Wednesday, March 27, 2019

तुम्हारे शहर में, हमारे गाँव में

तुम्हारे शहर में कोई मय्यत को कांधा नही देता,
हमारे गाँव में छप्पर भी सब मिल कर उठाते हैं!

बशीर बद्र

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