आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर साथ चलो, बहुत बड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो! तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है, मैं जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो!
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