आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
दिन बीत जाते हैं यादें सुहानी बनकर, बातें रह जाती हैं कहानी बनकर! पर तुम तो हमेशा दिल के करीब रहोगी , कभी मुस्कान, तो कभी आखों का पानी बन कर!!
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