आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
अगर मुसीबतें है तो मुस्कुरा के चल, आँधियों को पैरों तले दबा के चल, मंजिलों की औक़ात नही तुझसे दूर रहने की, विश्वास इस क़दर खुद में जगा के चल!!
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