आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
तुम भी सर उठा कर, जी सकते हो दुनिया में; बस एक दिन, मोबाइल घरपर ही भूल जाना। 😊
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