आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
मौत मांगते हैं तो जिन्दगी खफा हो जाती है, जहर लेते हैं तो वो भी दवा हो जाती है। तू ही बता ऐ दोस्त क्या करूं, जिसे भी चाहा वो बेवफा हो जाती है!
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