आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा,
जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Sunday, August 26, 2018
हम
कभी संभले तो कभी बिखरते आये हम,
जिंदगी के हर मोड़ पर खुद में सिमटते आये हम,
यूँ तो जमाना कभी खरीद नहीं सका हमें;
मगर प्यार के दो लफ्जो में सदा बिकते आये हम।।
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