आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
तुम ना आये तो क्या सहर ना हुई हाँ मगर चैन से बसर ना हुई। मेरा नाला# सुना जमाने ने, एक तुम हो जिसे खबर ना हुई!
#रोना धोना, शिकवा गिला
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