आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा,
जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Saturday, June 23, 2018
कितने नादान
कर जाते हैं शरारत क्योंकि थोड़े शैतान हैं हम,
कर देते हैं ग़लती क्योंकि इंसान हैं हम;
ना लगाना हमारी बातों को क़भी दिल से,
आपको तो पता है ना कितने नादान हैं हम!
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