आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
मोहब्बत की भी देखों ना, कितनी अजीब कहानी है, जहर तों पिया मीरा ने, फिर भी राधा ही दिल की रानी हैं।
No comments:
Post a Comment