आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
कुछ लम्हें गुजारे है, मैंने भी अपने खास दोस्तों संग। लोग उन्हें वक़्त कहते है और हम उन्हें जिंदगी कहते है!
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