आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
ना अनपढ़ रहा, ना काबिल हुआ, खामखां ए जिंदगी, तेरे स्कूल में दाखिल हुआ!
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