आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
पूरे की ख्वाहिश में, इंसान बहुत कुछ खोता है। भूल जाता है कि आधा चाँद, भी खूबसूरत होता है!
No comments:
Post a Comment