Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Sunday, February 28, 2016
जो भले हैं वो बुरों को भी भला कहते हैं न बुरा सुनते हैं अच्छे, न बुरा कहते हैं
फूलों को मैं बिछाऊँ कहाँ है मेरी बिसात कांटे उठा लिए हैं मगर तेरी राह से
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