Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Tuesday, January 7, 2014
दो कौड़ी की औकात
आशिकों ने ही दिया है, तुझको ये मुकाम गज़ब का.......
वरना ऐ इश्क.... तेरी दो कौड़ी की औकात नहीं.....
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