Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Monday, December 9, 2013
फर्क
नज़र नज़र का फर्क होता है हुस्न का नहीं,
महबूब जिसका भी हो बेमिसाल होता है..
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