Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Saturday, December 28, 2013
दो गज़ ही सही
"दो गज़
ही
सही लेकिन ये मेरी मिल्कियत तो है,
ऐ मौत तूने मुझको ज़मीदार कर दिया"..
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