आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा,
जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Tuesday, November 5, 2013
चुरा लूँ
काश ऐसा हो की तुमको तुमही से चुरा लूँ, वक्त को रोक कर वक्त से एक दिल चुरा लूँ, तुम पास हो तो रात से एक रात चुरा लूँ, तुम साथ हो तो उस जहाँ से क जहाँ चुरा लूँ ...
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