आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा,
जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Friday, August 31, 2012
Bhanwar
प्यार किया था तो प्यार का अंजाम कहाँ मालूम था, वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था. सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को, पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था..
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