Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Saturday, November 5, 2011
शहर
कोई हाथ भी न मिलायेगा जो गले मिलोगे तपाक से
यह नये मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो
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