Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Monday, September 27, 2010
गमे जुदाई
गमे जुदाई में इतनी राहत फिर भी निकल आती है
।
कि हवाएँ, जो आती हैं तुमे छूकर, मुझे भी छू जाती है।
।
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