Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Sunday, August 9, 2009
बूँदें
गुनगुनाती हुई आती है फ़लक से बूँदें |
शायद कोई बदली तेरे पाजेब से टकराई है ||
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