Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Wednesday, September 10, 2008
Haseen Gunah..
गुनाह 'गर है यह इश्क यारों,
तो फिर यह इतना हसीन गुनाह है..
कि एक काफिर सनम की खातिर,
मैं यह गुनाह बार-बार कर लूँ..
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