Stayin' Alive
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
Saturday, September 13, 2008
और क्या चाहिए
जिन्दगी की बेपनाह पेचीदगियों में,
बच्चों की-सी मस्ती न छूटे.
और जिन्दगी की तमाम मस्तियों ,
सच्चाई
और ईमान न छूटे.
जिन्दगी से और क्या चाहिये!
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